दतिया. स्वास्थ्य विभाग ने शहर में रहने वाले 17 लोगों के कोरोना सैंपल लेकर डीआरडीओ ग्वालियर जांच के लिए भेजे हैं। इनमें छह लोग तो जंगल के अंदर स्थित दावलपीर दरगाह में छिपकर मुर्गा पार्टी कर रहे थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने डांट फटकार लगाते हुए धारा 144 का उल्लंघन माना। फिर एंबुलेंस बुलाकर अस्पताल भेजा। इनका सैंपल लिया गया। इसके अलावा 11 तब्लीगी जमातियों के भी सैंपल लिए गए। ये जमाती 18 मार्च को निजामुद्दीन मरकज से यहां आए थे।
जानकारी के अनुसार सैय्यद रियाज उद्दीन जाफरिन निवासी हमीरपुर उप्र, नईम पुत्र सलीम खान निवासी चौधरी गली भरतगढ़, नबाव पुत्र इसुफ खान निवासी भरतगढ़, सकील पुत्र सलीम खान निवासी भरतगढ़, निखिल पुत्र चंद्रशेखर सेन निवासी चूनगर फाटक और इसाव पुत्र युसुफ खान निवासी भरतगढ़ सेंवढ़ा बायपास रोड पर स्थित घने जंगल के बीच बनी दावलपीर दरगाह में मुर्गा पार्टी कर रहे थे। तभी किसी ने पुलिस को सूचना दे दी। जानकारी मिलते ही एसडीओपी गीता भारद्वाज, टीआई राजू रजक, नायब तहसीलदार मोहिनी साहू और डॉ. हेमंत मंडेलिया एंबुलेंस को लेकर पहुंच गए। डॉ. मंडेलिया ने बारी-बारी से सभी छह लोगों के नाम लिखे फिर एंबुलेंस से सीधे अस्पताल ले जाकर कोरोना सैंपल लिए। फिर सभी को होम क्वारेंटाइन कर दिया गया।
इधर... घर-घर जाकर नि:शुल्क बांट रहे रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने की दवा
विश्व व्यापी कोरोना संक्रमण से बचाव हेतु रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आयुर्वेदिक एवं होम्योपैथी दवाओं का निःशुल्क वितरण आयुष विभाग, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण और सामाजिक संस्थाओं के सदस्यों द्वारा किया जा रहा है। नौ सदस्यीय संयुक्त दल ने रविवार को पंचशील नगर समेत तमाम मोहल्लों में घर-घर जाकर दवाओं का वितरण किया गया। जिला आयुष अधिकारी डॉ. एके खरे ने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर निःशुल्क आयुर्वेदिक/होम्योपैथी दवा का वितरण किया जा रहा है। यह दवा रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर कोरोना के संक्रमण को रोकने में मददगार होगी।
अंचलों में खुल रहीं दुकानें, नहीं हो रही कार्रवाई
- ग्रामीण अंचलों में लॉक डाउन का पालन सख्ती से नहीं हो रहा है। कलेक्टर के स्पष्ट निर्देश हैं गैर जरूरी दुकानें नहीं खुलेंगीं और जरूरी दुकानें भी सुबह 7 से 11 बजे तक ही एक दिन छोड़कर खुलेंगीं। इस आदेश का पालन कराने की जिम्मेदारी राजस्व अफसरों और पुलिस विभाग पर है। शहर में इसका पालन हो रहा है लेकिन ग्रामीण अंचल, कस्बाई इलाकों में सख्ती से पालन नहीं हो रहा है। सबसे ज्यादा खराब स्थिति जिला मुख्यालय से 90 किमी दूर बसई कस्बे की है। यहां न तो सोशल डिस्टेंस का पालन हो रहा है और न ही गैर जरूरी दुकानें खुलने पर प्रकरण दर्ज हो रहे हैं। बसई में अब तक एक पर भी उल्लंघन करने पर प्रकरण दर्ज नहीं हुआ है।
- रविवार को शाम चार बजे 25 लोग राजगढ़ चौराहे पर पहुंचे। सभी बाइकों से इंदौर और शिवपुरी जिले से लौटकर इंदरगढ़, सेंवढ़ा और भिंड जिले के गांवों में अपने घर जा रहे थे। यहां पुलिस ने रोककर पूछताछ की फिर स्वास्थ्य विभाग को बुलाकर चेकअप कराया। डॉक्टरों ने सभी के नाम लिखकर उन्हें होम क्वारेंटाइन का फार्म भरकर दिया। इंदौर से लौटकर अपने गांव जा रहे अमित सिंह ने बताया कि वह इंदौर में अपनी पत्नी के साथ रहता था और गोल गप्पे बेचकर भरण पोषण करता था। लॉक डाउन के बाद वह अपने किराए के घर से नहीं निकला। लेकिन माता पिता बहुत चिंतित थे।
- बार-बार आने के लिए कहते थे। ट्रेन बंद, बसें बंद, कोई साधन नहीं था। मैं इसलिए भी चिंतित था कि घर से 700 किमी दूर कोई पूछने वाला नहीं था। अगर मर जाएं तो कौन पूछने वाला है, घर पर माता पिता के पास सुरक्षित तो रह सकेंगे। यही सोचकर अजीत बाइक पर पत्नी के साथ शनिवार रात 10 बजे चोरी छिपे इंदौर से चल दिया। इंदौर से ब्यावरा होते हुए झांसी आया और इंदौर से दतिया तक कहीं चैकिंग नहीं हुई न किसी ने टोका, बस यहीं पुलिस ने रोका।